नाखून किस दिन काटने चाहिए, इस विषय में ज्योतिषशास्त्र का दृष्टिकोण

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श्रीमती प्राजक्ता जोशी

‘अंग्रेजी में एक सुविचार आहे, ‘When nails grow long, we cut nails, not fingers. Similarly, when misunderstandings grow up, cut your ego & not your relations.’ यहां नाखून को अहंकार की उपमा दी गई है । अहंकार बढने पर, विवेक लुप्त हो जाता है । आजकल के स्पर्धा और भाग-दौड-भरे जीवन में सात्त्विकता बचाने के लिए छोटी-से-छोटी क्रिया शास्त्रानुसार करने से लाभ निश्‍चित होता है ।

आयुर्वेदानुसार, हाथ-पैर के नाखून नियमपूर्वक काटते रहने से पाचन-संस्था ठीक से कार्यरत रहती है । नाखून के रंग से रोग पहचाने जा सकते हैं । आजकल के भागदौड-भरे जीवन में नाखून काटने का कोई निश्‍चित दिन अथवा समय नहीं मिलता । अनेक लोगों को रविवार के दिन छुट्टी रहती है; इसलिए वे उसी दिन नाखून काटते हैं । कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो जानना चाहते हैं कि नाखून किस दिन काटने चाहिए ।

ज्योतिषशास्त्र के विचार से सूर्योदय के समय जिस ग्रह का होरा रहता है, (होरा अर्थात १ घंटे का कालावधी.) उस दिन को उस ग्रह का नाम दिया गया है । उदा. रविवार को सूर्योदय के समय रवि ग्रह का होरा रहता है; इसलिए उस दिन का नाम ‘रविवार’ रखा गया है । नाखून बढने से शरीर में तमोगुण बढता है । वार, होरानुसार निर्धारित होने के कारण होरानुसार कार्य करना अच्छा रहता है । व्यष्टि और समष्टि साधना की दृष्टि से नाखून काटने के लिए शनिवार और रविवार छोडकर सब दिन अच्छे हैं । किस दिन नाखून काटने से क्या लाभ होता है, यह विचार यहां दे रहे हैं ।

 

दिन के अनुसार नाखून काटने से मिलनेवाला फल

वार होरानुसार करने कृत्य नाखून काटने के संभावित फल नाखून काटने की क्रिया का विश्‍लेषण
१. सोमवार सब कार्य आरोग्यप्राप्ति सोम का अर्थ है, चंद्र । चंद्र मन का कारक है । मन की स्थिति पर ही हमारा स्वास्थ्य अवलंबित होता है । इस दिन नाखून काटने से मन पर बना तमोगुणी आवरण दूर होने में सहायता होती है ।
२. मंगलवार युद्ध और वाद-विवाद कर्जमुक्ति में सहायता मंगलवार को कर्ज लौटाने में हो सकनेवाला वाद-विवाद टालने के लिए नाखून काटने चाहिए ।
३. बुधवार ज्ञानार्जन अच्छे कार्य से धनप्राप्ति बुध, वैश्य वर्ण का और बुद्धि का ग्रह है । इस दिन नाखून काटने से नौकरी / व्यवसाय से धन मिलता
है ।
४. गुरुवार मंगलकार्य घर में होनेवाली अशुभ बातों पर रोक और चित्त गुरुउपासना में लगना गुरु, आध्यात्मिक ग्रह है और उपासना का कारक है । इस दिन नाखून काटने से सत्त्वगुण बढता है ।
५. शुक्रवार यात्रा प्रिय व्यक्ति से मिलन शुक्र, कला और प्रीति का कारक है । इस दिन नाखून काटने से प्रिय व्यक्ति से मिलने के लिए यात्रा करनी पडती है ।
६. शनिवार द्रव्यसंचय मन में आसक्ति बढना और शांति घटना साधना में त्याग महत्त्वपूर्ण होता है । द्रव्यसंचय से मन ध्येय से हट जाता है । इसलिए, शनिवार को नाखून न काटें ।
७. रविवार राजसेवा शरीर में रजोगुण बढना और काम में बाधाएं आना राजसेवा का समय न घटे; इसलिए रविवार को नख न काटें । साधकों के लिए राजसेवा का अर्थ है, समष्टि (समाजगत) सेवा ।

कटे नख घर में न रहें, इस बात की सावधानी बरतें । उन्हें कागद में लपेटकर इस प्रकार फेंकिए कि किसी के हाथ न लगें ।’

– श्रीमती प्राजक्ता जोशी (ज्योतिष फलित विशारद), सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.

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