ज्ञानपूर्व लिखाण | ज्ञानोत्तर लिखाण | |
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१. लेखक | सर्वसाधारण व्यक्ती | संत |
२. स्तर | बुद्धीचा | बुद्धीपलीकडील |
३. लिखाणाचा उगम | ग्रंथांचा अभ्यास आणि चिंतन | अंतःस्फूर्ती (विश्वबुद्धीकडून प्राप्त होणारे ज्ञान) |
४. चैतन्याचे प्रमाण (टक्के) | ० – २ | लेखकाच्या आध्यात्मिक स्तरानुसार ५० – ७० |
५. लिखाण टिकण्याचा अवधी | ५ – ३० वर्षे | शेकडो ते हजारो वर्षे |
– (प.पू.) डॉ. आठवले (२४.११.२०१४)