सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है । सूर्य नमस्कार को एक संपूर्ण व्यायाम माना जाता है। अगर आपके पास ज्यादा समय नहीं है और आप योग और व्यायाम को बहुत ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं तो सुबह 10 बार सिर्फ सूर्य नमस्कार करने से भी आपके पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।

सूर्य नमस्कार में बारह मंत्र बोले जाते हैं। हर मंत्र का एक ही अर्थ है- सूर्य को (मेरा) नमस्कार है। सूर्य नमस्कार करते समय इन बारह मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।

सर्व प्रथम सूर्य देवता को प्रार्थना करें ।

ॐ मित्राय नमः।

ॐ रवये नमः।

ॐ सूर्याय नमः।

ॐ भानवे नमः।

ॐ खगाय नमः।

ॐ पूष्णे नमः।

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

ॐ मरीचये नमः।

ॐ आदित्याय नमः।

ॐ सवित्रे नमः।

ॐ अर्काय नमः।

ॐ भास्कराय नमः।

ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः।

जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है।

 

सूर्यनमस्कार के लाभ

अ. सभी महत्त्वपूर्ण अवयवोंमें रक्तसंचार बढता है ।

आ. हृदय व फेफडोंकी कार्यक्षमता बढती है ।

इ. बाहें व कमरके स्नायु बलवान हो जाते हैं ।

ई. कशेरुक व कमर लचीली बनती है ।

उ. पेटके पासकी चरबी घटकर वजन कम होता है ।

ऊ. पचनक्रियामें सुधार होता है ।

ए. मनकी एकाग्रता बढती है ।

 

सूर्यनमस्कार कैसे करें ?

१. सबसे पहले दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं।

२. सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर कानों से सटाएं और शरीर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें।

३. सांस बाहर निकालते हुए व हाथों को सीधे रखते हुए आगे की ओर झुकें व हाथों को पैरों के राइट-लेफ्ट जमीन से स्पर्श करें। यहां ध्यान रखें कि इस दौरान घुटने सीधे रहें।

४. सांस भरते हुए राइट पैर को पीछे की ओर ले जाएं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। इस स्थिति में कुछ समय तक रुकें ।

५. अब सांस धीरे-धीरे छोड़ते हुए लेफ्ट पैर को भी पीछे ले जाएं एवं दोनों पैर की एड़ियों को मिलाकर शरीर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें।

६. सांस भरते हुए नीचे आएं एवं लेट जाएं।

७. शरीर के ऊपरी भाग को उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर करते हुए पूरे शरीर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें व कुछ सेकंड्स तक रुकें।

८. अब पीठ को ऊपर की ओर उठाएं एवं सिर झुका लें। एड़ी को जमीन से लगाएं।

९. दोबारा चौथी प्रक्रिया को अपनाएं लेकिन इसके लिए दाएं पैर को आगे लाएं व गर्दन को पीछे की ओर झुकाते हुए स्ट्रेच करें।

१०. लेफ्ट पैर को वापस लाएं और दाएं के बराबर में रखकर तीसरी स्थिति में आ जाएं यानी घुटनों को सीधे रखते हुए हाथों से पैरों के दाएं-बाएं जमीन से स्पर्श करें।

11. सांस भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाकर ऊपर उठें और पीछे की ओर स्ट्रेच करते हुए फिर दूसरी अवस्था में आ जाएं।

12. फिर से पहली स्थिति में आ जाएं यानी दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं।

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