भाजपा शासन को यह बात ध्यान में रखना आवश्यक है कि महाविद्यालय में रामायण, महाभारत तथा गीता पढाने के साथ ही छात्रों द्वारा साधना भी करवाना आवश्यक

‘१०.९.२०१५ को केंद्र के भाजपा शासन के सांस्कृतिक राज्यमंत्री महेश शर्मा ने यह वक्तव्य दिया कि, ‘‘महाविद्यालय में रामायण, महाभारत तथा गीता पढाएंगे !’’ किंतु उन्हें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि ये विषय केवल तात्त्विकदृष्टि से पढाने की अपेक्षा छात्रों द्वारा जिस प्रकार कसरत (व्यायाम) करवाते हैं, उसी प्रकार साधना भी करवाना आवश्यक है । केवल ग्रंथों का अभ्यास नहीं, अपितु साधना के संस्कार ही उन्हें जीवनभर उपयोग में आ सकते हैं ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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