सेवा के साथ-साथ नामजप और भक्ति में जो आनंद है, उसे लेने का प्रयास करेंगे, तो चूकों के कारण होनेवाले दुःख पर ध्यान नहीं जाता !
-(पू.) श्री. संदीप आळशी
सेवा के साथ-साथ नामजप और भक्ति में जो आनंद है, उसे लेने का प्रयास करेंगे, तो चूकों के कारण होनेवाले दुःख पर ध्यान नहीं जाता !
-(पू.) श्री. संदीप आळशी