सर्वत्र व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनैतिकता क्या केवल नोटबंदी कर रुकनेवाली है क्या ? उसके मूलतक जाने का अर्थ है नैतिकता एवं साधना सिखाना । एेसा करने से सर्वत्र व्याप्त आर्थिक अराजक मूल से बंद हो जाएगा ।
सर्वत्र व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनैतिकता क्या केवल नोटबंदी कर रुकनेवाली है क्या ? उसके मूलतक जाने का अर्थ है नैतिकता एवं साधना सिखाना । एेसा करने से सर्वत्र व्याप्त आर्थिक अराजक मूल से बंद हो जाएगा ।