‘जिस समय आधुनिक वैद्य (डॉक्टर),अभियंता, अधिवक्ता, लेखा परीक्षक इत्यादि की बैठक होती है, उस समय उन क्षेत्रों के विशारदों की बैठक होती है; परंतु भारत की लोकसभा में राष्ट्र एवं धर्म, इन विषयों के विशारद नहीं होते । इसके विपरीत, इन विषयों से जिनका कोई भी देना-लेना न हो, उनके लिए यह बैठक होती है; इसीलिए भारत का लोकतंत्र हिन्दुओं की मूर्खता की चरम सीमा है !’
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भारत का लोकतंत्र अर्थात हिन्दुओं की मूर्खता की चरम सीमा !
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