साधना में ध्येय साध्य करते समय पुनः-पुनः विफलता मिले, तो क्या करें ?

१. प्रथम स्तर

‘ध्येय मेें से जो कुछ थोडा-बहुत भी साध्य हुआ हो, उस संदर्भ में संतोष रखें तथा गुरु एवं ईश्‍वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें ।

२. दूसरा स्तर

विफलता के पीछे के कारणों को ढूंढना चाहिए । शारीरिक, मानसिक अथवा आध्यात्मिक में से वास्तविक कारण क्या है, इसका चिंतन करें । उन कारणों के अनुसार योग्य उपाय करें । इस संदर्भ में आवश्यकता प्रतीत हो, तो परिजन अथवा सहयोगियों की सहायता लें ।

३. तीसरा स्तर

ऊपर दिए अनुसार कृति करने पर भी विफलता आई, तो उसमें भी आनंदित रहें तथा ऐसा विचार करें कि अब ईश्‍वर अगले स्तर के प्रयास करना सिखाएंगे ।
ईश्‍वर का सान्निध्य पाने हेतु ध्येयप्राप्ति के लिए अविरत प्रयास करते रहना आवश्यक है; इसलिए प्रयास करना न छोडें ।’

– (पू.) श्री. संदीप आळशी (२३.३.२०२१)

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