‘शरीर पहला वास्तु है। पहले उसकी शुद्धि का विचार करें, तदुपरांत बनाए हुए वास्तु (घर) का !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘शरीर पहला वास्तु है। पहले उसकी शुद्धि का विचार करें, तदुपरांत बनाए हुए वास्तु (घर) का !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले