कुछ अन्य धर्मीय हिन्दुओं को चिढाते हैं ‘भगवान एक ही है, तो आपके धर्म में अनेक देवी-देवता क्यों है ?’ ऐसे अध्ययनशून्य व्यक्तियों के ध्यान में यह बात नहीं आती की हिन्दू धर्म सर्वाधिक परिपूर्ण धर्म है । यदि पश्चिमी चिकित्सा शास्त्र का उदाहरण देखें, तो यह ध्यान में आएगा कि पूर्व में विविध रोगों पर उपलब्ध औषधियों की संख्या सीमित थी । जैसे-जैसे विज्ञान ने प्रगति की, वैसे वैसे औषधियों की संख्या बढती गई । उसी प्रकार परिपूर्ण हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवता हैं । ऐसा होते हुए भी हिन्दू धर्म में भी परमेश्वर अथवा ब्रह्म एक ही है ।’
-सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले