‘भारत में उपलब्ध भूमि, अनाज तथा जल का विचार कर भारत की जनसंख्या कितनी बढने देना है, इसका विचार करें; अन्यथा आगे बढनेवाली भीड़ में सभी का दम घुटेगा, यह शासनकर्ताओं को कैसे समझ में नहीं आता ?’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘भारत में उपलब्ध भूमि, अनाज तथा जल का विचार कर भारत की जनसंख्या कितनी बढने देना है, इसका विचार करें; अन्यथा आगे बढनेवाली भीड़ में सभी का दम घुटेगा, यह शासनकर्ताओं को कैसे समझ में नहीं आता ?’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले