‘मोतियाबिंदु से ग्रस्त व्यक्ति को बारीक अक्षर दिखाई नहीं देता । यदि कोई वह बारीक अक्षर पढ़कर सुनाए, तो मोतियाबिंदु से ग्रस्त व्यक्ति यह नहीं कहता कि, वहां अक्षर है, ऐसा झूठ कहकर आप भ्रमित कर रहे हैं । वह कहता है ‘मुझे बारीक अक्षर दिखाई नहीं देते ।’ चष्मा लगाने पर वह बारीक अक्षर पढ़ पाता है ।
इसके विपरीत बुद्धिवादी जो उन्हें स्वीकार नहीं होता, उसे झूठ कहते हैं । ‘साधना से सूक्ष्म दृष्टि प्राप्त होने पर बहुत कुछ समझ सकते हैं’, यह उन्हें स्वीकार नहीं होता ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले