‘आधुनिक चिकित्सक (डॉक्टर) रोगियों को छोटे-बडे रोगों से बचाते हैं एवं उसका उन्हें अहंभाव होता है । इसके विपरीत ईश्वर साधकों को भवरोग से, अर्थात जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त करते हैं, तब भी वे अहंशून्य होते हैं !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘आधुनिक चिकित्सक (डॉक्टर) रोगियों को छोटे-बडे रोगों से बचाते हैं एवं उसका उन्हें अहंभाव होता है । इसके विपरीत ईश्वर साधकों को भवरोग से, अर्थात जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त करते हैं, तब भी वे अहंशून्य होते हैं !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले