‘पश्चिम का विज्ञान कहता है, ‘आदिमानव से अभी तक मानव ने प्रगति की है ।’ वास्तव में मानव ने प्रगति नहीं की, अपितु वह उच्चतम अधोगति की ओर जा रहा है । सत्ययुग का मानव ईश्वर से एकरूप था । त्रेता और द्वापर युग में उसकी थोडी अधोगति होती गई । अब कलियुग के आरंभ में ही उसकी उच्चतम अधोगति हो गई है । कलियुग के शेष लगभग ४ लाख २६ सहस्त्र वर्षों में उसकी कितनी अधोगति होगी, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले