साधना के संदर्भ में भारत का महत्त्व समझ लें !

‘ईश्वरप्राप्ति हेतु साधना करनी हो, तो भारत को छोडकर संसार के किसी भी देश में मत रहो; क्योंकि भारतीयों की स्थिति भले ही बुरी हो, तब भी भारत जैसा सात्त्विक देश संसार में कहीं नहीं है । अन्य सभी देशों में रज-तम की मात्रा अत्यधिक है; तथापि ५० प्रतिशत से अधिक आध्यात्मिक स्तर प्राप्त व्यक्ति संसार में कहीं भी रहकर साधना कर सकते हैं ।’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

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