‘मानसिक एवं बौद्धिक स्तर पर विचार करनेवालों को चिंता होती है कि आगे हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे । इसके विपरीत आध्यात्मिक स्तर पर विचार करनेवालों को समझ में आता है कि कालचक्र के अनुसार आगे हिन्दू धर्म रहेगा !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘मानसिक एवं बौद्धिक स्तर पर विचार करनेवालों को चिंता होती है कि आगे हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे । इसके विपरीत आध्यात्मिक स्तर पर विचार करनेवालों को समझ में आता है कि कालचक्र के अनुसार आगे हिन्दू धर्म रहेगा !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले