‘हिन्दू राष्ट्र में अहंकार बढानेवाली व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सीमाएं होंगी तथा सामाजिक स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा बढानेवाली तथा उसके माध्यम से अहं नष्ट कर ईश्वरप्राप्ति करानेवाली समष्टि साधना की प्रधानता होगी !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले