मुसलमान अथवा ईसाइयों के धार्मिक उत्सवों में भीड जमा करने के लिए नाटक, चलचित्र, वाद्यवृंद जैसे कार्यक्रम नहीं रखे जाते । इसके विपरीत हिन्दुओं के धार्मिक उत्सवों के समय ऐसे कार्यक्रम रखे जाते हैं । इससे यह प्रश्न उत्पन्न होता है, ‘क्या हिन्दू केवल मनोरंजन के लिए धार्मिक उत्सव मनाते हैं ?’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले