‘राष्ट्रप्रेम और धर्मप्रेम रहित प्रत्याशी से पैसे लेकर उसे मत देनेवाली जनता का जनप्रतिनिधि बनकर चुने जाने की तुलना में ‘ईश्वर द्वारा भक्त के रूप में चुना जाना अनंत गुना अधिक महत्वपूर्ण है’, यह ध्यान में रखें !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘राष्ट्रप्रेम और धर्मप्रेम रहित प्रत्याशी से पैसे लेकर उसे मत देनेवाली जनता का जनप्रतिनिधि बनकर चुने जाने की तुलना में ‘ईश्वर द्वारा भक्त के रूप में चुना जाना अनंत गुना अधिक महत्वपूर्ण है’, यह ध्यान में रखें !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले