सनातन के आश्रमों की अद्वितीयता !

‘समाज में, कार्यालय में तथा अन्यत्र अहंकार, झूठ बोलना भ्रष्टाचार इत्यादि का अनुकरण किया जाता है; जबकि सनातन के आश्रमों में सद्गुणों का अनुकरण किया जाता है !’

– (परात्पर गुरु ) डॉ. आठवले

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