अच्छे प्रत्याशी मिलना दुर्लभ !

‘मतदान में हिन्दू उसे अपना मत देते हैं, जो पैसे देता है अथवा जो २ प्रत्याशियों में कम बुरा होता है; क्योंकि अधिकांशतः अच्छे प्रत्याशी कहीं नहीं मिलते !’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

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