‘भारत की पाठशाला में तामसिक अंग्रेजी भाषा सिखाई जाती है; परंतु सात्त्विक संस्कृत भाषा नहीं सिखाई जाती । यह स्वाभाविक ही है; क्योंकि स्वतंत्रता से लेकर अभी तक भारत पर राज्य करनेवाले सभी तामसिक राजनीतिक दलों को तामसिक अंग्रेजी अपनी लगती है !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले