अध्यात्म में स्त्रियां पुरुषों की तुलना में एक स्तर आगे होने का कारण

‘अधिकांश पुरुष कार्य के निमित्त रज-तमप्रधान समाज में रहते हैं । इसका उनपर परिणाम होने से वे भी रज-तमयुक्त होते हैं । इसके विपरीत, अधिकांश स्त्रियां घर में रहती हैं । उनका समाज के रज-तम से संपर्क नहीं होता । इसलिए वे साधना में शीघ्र प्रगति करती हैं ।’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले (१४.११.२०२१)

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