‘सात्त्विक व्यक्तियों के व्यष्टि जीवन का ध्येय होता है ईश्वरप्राप्ति, जबकि समष्टि जीवन का ध्येय होता है रामराज्य !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘सात्त्विक व्यक्तियों के व्यष्टि जीवन का ध्येय होता है ईश्वरप्राप्ति, जबकि समष्टि जीवन का ध्येय होता है रामराज्य !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले