‘साधना से सूक्ष्म ज्ञान होने पर यज्ञ का महत्त्व समझ में आता है । महत्त्व न समझने के कारण ‘अधिक समझदार बुद्धिजीवी’, ‘यज्ञ में वस्तुएं जलाने की अपेक्षा गरीबों को दें’ का राग आलापते हैं !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘साधना से सूक्ष्म ज्ञान होने पर यज्ञ का महत्त्व समझ में आता है । महत्त्व न समझने के कारण ‘अधिक समझदार बुद्धिजीवी’, ‘यज्ञ में वस्तुएं जलाने की अपेक्षा गरीबों को दें’ का राग आलापते हैं !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले