सनातन संस्था > Quotes > संताें की सीख > राष्ट्र एवं धर्म > सर्वधर्म समभाव कहनेवालों का ढकोसला ! सर्वधर्म समभाव कहनेवालों का ढकोसला ! Share this on : जिन्होंने सर्व धर्मों का अध्ययन तो क्या वे पढे भी नहीं है, वही सर्वधर्म समभाव कहते हैं । – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले Share this on : संबंधित लेख पूर्वकाल का परिवार की भांति एकत्र रहनेवाला समाज और आज का टुकड़े-टुकड़े हो चुका समाज...शासनकर्ताओं को यह कैसे समझ में नहीं आता ?हिन्दू धर्म में सहस्रों ग्रंथ होने का शास्त्र !हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य हेतु समष्टि साधना आवश्यक !भारत और हिन्दू धर्म की असीमित हानि करनेवाले अभी तक के राजनेता !‘चरित्रसंपन्न राष्ट्र’ आदर्श राष्ट्र है !
सर्व धर्म समभाव मे
वाचन के जगह वचन हुआ
नमस्काऱ,
हमें यह सुधार ध्यान में लाकर देने के लिए धन्यवाद ।