सनातन संस्था > Quotes > संताें की सीख > इतर > शोकांतिका घूस लेनेवालों की ! शोकांतिका घूस लेनेवालों की ! Share this on : ‘पहले घूस (रिश्वत) लेनेवाले को खोजना पडता था, अब घूस न लेनेवाले को खोजना पडता है !’ – परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले Share this on : संबंधित लेख बुद्धिप्रमाणवादी एवं कुंडलिनी शक्ति !शरीरशुद्धि का महत्त्व !नौकरी के लिए शैक्षिक पात्रता के साथ ही व्यक्तिगत गुण भी महत्त्वपूर्ण !यह अधिक भयावह प्रदूषण है !बुद्धिप्रमाणवादियों के दो सबसे बडे दोष हैं, जिज्ञासा का अभाव तथा ‘मुझे सब पता है’,...कर्मकांड का महत्त्व !