‘विज्ञान पंचज्ञानेंद्रिय, मन तथा बुद्धि से समझाता है; इसलिए उसकी सीमाएं हैं । इसके विपरीत अध्यात्म पंचज्ञानेंद्रिय, मन तथा बुद्धि के पर का होने के कारण असीमित है !’
– परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘विज्ञान पंचज्ञानेंद्रिय, मन तथा बुद्धि से समझाता है; इसलिए उसकी सीमाएं हैं । इसके विपरीत अध्यात्म पंचज्ञानेंद्रिय, मन तथा बुद्धि के पर का होने के कारण असीमित है !’
– परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले