आश्‍चर्य

‘पैसा अर्जित करने की अपेक्षा उसका त्याग करना अधिक सुलभ है, तब भी मानव नहीं करता, यह आश्‍चर्य है !’
– परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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