‘पश्चिमी संस्कृति शरीर, मन व बुद्धि को सुख देने हेतु प्रयत्नशील रहती है; जबकि हिन्दू संस्कृति ईश्वरप्राप्ति का मार्ग दिखाती है ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘पश्चिमी संस्कृति शरीर, मन व बुद्धि को सुख देने हेतु प्रयत्नशील रहती है; जबकि हिन्दू संस्कृति ईश्वरप्राप्ति का मार्ग दिखाती है ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले