‘जहां विज्ञान पृथ्वीतत्त्व के अंतर्गत विषयों से संबंधित है, वहीं अध्यात्म ‘पृथ्वी, आप, तेज, वायु तथा आकाश’ इन पंचमहाभूतों और निर्गुण तत्त्व से संबंधित है । इस कारण ही विज्ञान पृथ्वी के बाहर स्थित अन्य पृथ्वी का ही अध्यन करता है; जबकि अध्यात्म पंचमहाभूतों के परे निर्गुण तत्त्वों का अध्यन भी करता है और अनुभूति लेना सिखाता है ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले