चिरंतन आनंद केवल साधना से ही मिलता है ।

‘ईश्वर और साधना पर विश्‍वास न हो, तब भी चिरंतन आनंद प्रत्येक को चाहिए । वह आनंद केवल साधना से ही मिलता है । एक बार यह ध्यान में आने पर, साधना का कोई विकल्प न होने के कारण मानव साधना हेतु प्रवृत्त होता है ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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