‘श्रीराम स्वयं ईश्वर का अवतार थे । पांडवों के समय पूर्णावतार श्रीकृष्ण थे । छत्रपति शिवाजी महाराजजी के समय समर्थ रामदासस्वामी थे । इससे यह ध्यान में आएगा कि ईश्वरीय राज्य की स्थापना ईश्वर स्वयं करते हैं अथवा संतों से करवा लेते हैं । अब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ईश्वर करें अथवा संतों द्वारा करवा लें ; परंतु इसके लिए हमें उनका भक्त बनना आवश्यक है !’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
सत्य