‘ईश्वरप्राप्ति के लिए तन-मन-धन का त्याग करना पड़ता है । इसलिए धनप्राप्ति के लिए जीवन व्यर्थ करने की अपेक्षा सेवा करके धन के साथ तन और मन का भी त्याग किया, तो ईश्वरप्राप्ति शीघ्र होती है ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘ईश्वरप्राप्ति के लिए तन-मन-धन का त्याग करना पड़ता है । इसलिए धनप्राप्ति के लिए जीवन व्यर्थ करने की अपेक्षा सेवा करके धन के साथ तन और मन का भी त्याग किया, तो ईश्वरप्राप्ति शीघ्र होती है ।’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले