शिष्य जब गुरु की बातें मानने का अभ्यस्त हो जाता…

शिष्य जब गुरु की बातें मानने का अभ्यस्त हो जाता है, तब वह ईश्वर की बातें मानने लगता है। ऐसे शिष्य को ही ईश्वर दर्शन देते हैं, इसलिए बुद्धिवादियों को ईश्वर दर्शन नहीं देते !
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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