कतरास (झारखंड) – हिन्दू राष्ट्र प्रभु श्रीराम, छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे आदर्श व्यक्तियों का एकत्रिकरण है । इसलिए उसकी नींव आदर्श ही होनी चाहिए । हमारे दोष दूर करने हेतु स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया का महत्त्व विषद किया गया । कतरास में हुए हिन्दू राष्ट्र-संगठक कार्यशाला में मार्गदर्शन करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के केंद्रीय समन्वयक श्री. नागेश गाडे ने प्रतिपादित किया कि प्रत्येक हिन्दू संगठक कार्यकर्ता को स्वयं, स्वयं के परिवार, स्वयं के संगठन से आदर्श कृत्य का आरंभ करना चाहिए । यहां के राजस्थानी समाज मारवाडी धर्मशाला में हिन्दू जनजागृति समिति ने ९ से ११ सितंबर, दो दिवसीय निवासी हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला का आयोजन किया था ।
इस समय पूर्वोत्तर भारत प्रसारसेवक श्री. निलेश सिंगबाळजी ने कहा कि भारत में वर्तमान परिस्थिति में जो समस्या उत्पन्न हुई है, तथाकथित धर्मनिरपेक्ष है । इसके कारण सरकारी यंत्रणाआें में भ्रष्टाचार, अकार्यक्षमता, अनैतिकता आदि दुष्प्रवृत्तियां प्रबल हुई हैं । विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र असफल सिद्ध हुआ है, ऐसा चित्र दिखाई देता है । इस विषय में जागृति करना आवश्यक है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के राजस्थान-मध्यप्रदेश राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने कहा कि पश्चिमी विचारों का प्रभाव समाज के लिए हानिकारक है । उत्तम समाज निर्मिति हेतु धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र-निर्मिति ही काल की आवश्यकता है ।
कार्यशाला में साधना, दोष-अहं निर्मूलन प्रक्रिया, सुराज्य अभियान पर मार्गदर्शन किया गया ।
क्षणिकाएं
१. कार्यशाला हेतु असम, बंगाल, ओडिशा, झारखंड राज्य के हिन्दू धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।
२. राजस्थानी मारवाडी समाज ने राजस्थानी समाज मारवाडी सभागृह नि:शुल्क उपलब्ध करवाया ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात