धर्मशिक्षण प्राप्त होने के कारण जिज्ञासु हो गए समाधानी !
पुणे : गणेशोत्सव भक्तिभाव से तथा धर्मशास्त्रानुसार मनाने के लिए, उत्सव में प्रचलित अपप्रकार हटाकर उत्सव की पवित्रता की रक्षा करने की दृष्टि से प्रबोधन हो, साथ ही श्रद्धालुओं को उत्सव का आध्यात्मिक स्तर पर लाभ प्राप्त हो, इस उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था द्वारा स्थान-स्थान पर गणेशोत्सव के संदर्भ में अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी प्रदान करनेवाले प्रवचनों का आयोजन किया गया था । उसे श्रद्धालुओं द्वारा उत्स्फूर्त रूप से प्रतिसाद प्राप्त हुआ । गणेशोत्सव का आध्यात्मिक स्तर पर लाभ प्राप्त हो, इसलिए उस कालावधी में धार्मिक कृती कैसी करनी चाहिए, नामजप कौनसा करना चाहिए, साथ ही ‘श्री गणेश को लाल फूल तथा दुर्वा अर्पण करने के पीछे क्या शास्त्र है’, ‘धर्मशास्त्रानुसार बहते पानी में श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन करने का महत्त्व’ इस विषय का धर्मशिक्षण प्रवचनों के माध्यम से दिया गया । श्रद्धालुओं द्वारा भी उसे उत्तम प्रतिसाद प्राप्त हुआ । अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी प्राप्त होने के कारण अनेक श्रद्धालुओं ने समाधान व्यक्त किया, तो कुछ स्थान पर नियमित रूप से धर्मशिक्षण वर्ग आरंभ करने की मांग की गई ।
इस प्रवचन सेवा की कुछ क्षणिकाएं इस प्रकार…
१. शांतिनगर मंडल में महिलाओं ने अथर्वशीर्ष का पारायण नियोजित किया था । मंडल के संस्थापक अध्यक्ष श्री. अविनाश दिलीप चरवड ने सनातन निर्मित गणपति अथर्वशीर्ष यह लघुग्रंथ ५० श्रद्धालुओं को दिया । सनातन संस्था की डॉ. ज्योती काळे ने गणपति की अध्यात्मविषयक जानकारी सारांश रूप में दी । उस समय ४० श्रद्धालु उपस्थित थे । उस समय उन्हें सविस्तर जानकारी देने हेतु पुनः आंमत्रित किया गया ।
२. कडगांव के विष्णुपुरम् वसाहत में आयोजित किए गए प्रवचन में भी सनातन संस्था की डॉ. ज्योती काळे ने गणेश की मूर्ति, मूर्तिविज्ञान, विसर्जन के संदर्भ मे जानकारी देकर श्रद्धालुओं का शंकानिरसन किया । वसाहत के श्री. संदीप जाधव ने शाल तथा श्रीफल देकर उनका आदर किया । उस समय ६० श्रद्धालु उपस्थित थे ।
३. शिरवळ (जनपद सातारा ) के कमलानगर गणेश मित्र मंडल में हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती छाया पवार ने उपस्थित ३५ महिलाओं को श्री गणेश की अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी । मंडल की ओर से श्रीमती राधा बेलापुरकर ने श्रीमती पवार का आदर किया । इस प्रवचन के पश्चात् कुछ महिलाओं ने धर्मशिक्षण वर्ग आरंभ करने की मांग की ।
४. सांगवी के गणेशनगर मित्र मंडल के ५० जिज्ञासुओं ने प्रवचन का लाभ ऊठाया । श्री. संदीप चोपदार तथा श्री. भोईटे ने गणेशपूजा विधी तथा शास्त्र के संदर्भ में जानकारी दी ।
५. पिंपरीगांव के वाघेरे कॉलनी में आयोजित किए गए प्रवचन में शाडु मिट्टी की गणेशमूर्ति का महत्त्व तथा विसर्जन बहते पानी में करने के पीछे क्या शास्त्र है, यह बताने के पश्चात् उपस्थित श्रद्धालुओं ने बताया कि, ‘शास्त्रानुसार नदी में ही गणेशमूर्ति का विसर्जन करेंगे ।’
६. चिंचवड़ स्टेशन में बालकों की पाठशाला क्रमांक १ में, साथ ही मोहननगर कन्या पाठशाला में हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था द्वारा प्रवचन का आयोजन किया गया था । उस समय छात्रों को श्री गणेश की अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी गई । उपस्थित अध्यापिकाओं ने भी अपना अभिप्राय व्यक्त करते समय यह बताया कि, ‘प्रवचन के कारण नामजप का महत्त्व ध्यान में आया । साथ ही बहते पानी में विसर्जन करने के पीछे क्या शास्त्र है, इसकी भी जानकारी प्राप्त हुई ।’
७. जय भवानी पाठशाला में छात्रों ने उत्सुकता से प्रश्न पूछे कि, ‘गणेशमूर्ति कैसी होनी चाहिए, स्थापना तथा विसर्जन किस प्रकार करना चाहिए तथा किस दिन करना चाहिए ?’ पाठशाला के संस्थापक श्री. गणेश दातार पाटिल ने समारोप के समय सर्व छात्रों को प्रवचन में जिस प्रकार बताया गया है, उसी के अनुसार कृती करने का आवाहन किया ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात