रामनाथी (गोवा) : ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए ब्राह्मतेज की आवश्यकता’ इस विषय पर अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के चतुर्थ दिवस के सत्र में मार्गदर्शन करते हुए पू. नंदकुमार जाधवजी बोले कि, हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में ब्राह्मतेज अर्थात व्यक्तिगत और समष्टि साधना का महत्त्व है । केवल शारीरिक स्तर पर प्रयत्न कर नहीं, अपितु साधना द्वारा आत्मबल प्राप्त कर कार्य करना आवश्यक है । छत्रपति शिवाजी महाराज कुलदेवी श्री भवानीदेवी के निस्सीम भक्त थे । इसलिए मनुष्यबल और साधनसामग्री अल्प होते हुए भी वे ५ बलवान मुसलमान शासकों को झुकाकर ‘हिन्दवी स्वराज्य’ की स्थापना कर सके । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए ईश्वर की शक्ति मिलने के लिए तथा प्रभावी हिन्दू-संगठन बनने के लिए सभी को साधना कर ईश्वर का भक्त बनना चाहिए ।
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हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए साधनारूपी ब्राह्मतेज आवश्यक – पू. नंदकुमार जाधव
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