आयुर्वेदानुसार आचरण करें !
१. ६ माह एलोपैथी की औषधियां लेकर भी अपचन दूर न होना पिछले १ वर्ष से मुझे अपचन की समस्या है । इस कारण पेट में वायु (गैस) होना, बहुत भूख लगना, अनावश्यक खाना, इस प्रकार के कष्ट होने लगे । आधुनिक वैद्यों से ६ माह एलोेपैथी की औषधियां लेने पर भी कुछ लाभ नहीं हुआ । कष्ट न बढें; इसलिए मैं भोजन करना टालती थी । इससे पाचनक्रिया और भी बिगड गई थी ।
२. योग्य आयुर्वेदिक उपचारों के साथ पथ्य के पालन से कुछ ही दिनों में अपच का विकार पूर्णत: ठीक होना संस्था के साधक श्री. तिवारीजी ने मुझे सोलापुर की वैद्या (श्रीमती) मेघा वनारोेेेटे से औषधि लेने का सुझाव दिया । वैद्या (श्रीमती) वनारोटे ने मेरे भोजन के समय निश्चित किए, थोडे-बहुत आहार का पथ्य बताया, दूध में सौंठ उबालकर उसमें ६ चम्मच शुद्ध घी डालकर लेने को कहा तथा कुछ औषधियां भी दीं । प्रतिदिन इस प्रकार करने पर मुझे ५-६ दिनों में ही बहुत लाभ हुआ । कुछ ही दिनों में पेट की समस्या पूर्णत: ठीक हो गई तथा उत्साह एवं आनंद प्रतीत होने लगा । – श्रीमती वर्षा वैद्य, सोलापुर
(उपर्युक्त उदाहरण से यह ध्यान में आएगा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति अपनाने पर विलंब से लाभ होता है, यह केवल भ्रम ही है ।- संपादक, )
साधकों को सूचना एवं पाठकों से विनती !
आयुर्वेदिक उपचारों से हुए लाभ हमें सूचित करें !
विगत कुछ मासों से हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात में “आयुर्वेदानुसार आचरण करें ! ” नामक आरोग्य संबंधी लेख प्रकाशित हो रहा है । इसमें दिए सूत्र आचरण में लाकर हुए लाभों के बारे में जानकारी विस्तार से लिखकर अथवा उसका टंकन कर वैद्य मेघराज पराडकर के नाम – २४/ब, सनातन आश्रम, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा – ४०३ ४०१. इस पते पर अथवा [email protected] इस इ-मेल पते पर भेजें !