इंदौर (मध्यप्रदेश) : यहां के डॉ. विजय तारे (आयु ६४ वर्ष) ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर जन्म-मृत्यु के फेरे से मुक्त हो गए । दंतचिकित्सक डॉ. तारे ने संगीत में भी बी.ए किया है । उन्होंने ‘संगीत चिकित्सा व उपचार’ नामक ग्रंथ लिखा है । इसमें मनुष्य के रोगों के विषय में आधुनिक चिकित्सा की दृष्टि से विविध प्रकार के संगीत सुनने और स्वयं गाने से शरीर में उत्पन्न होनेवाली रोगनिवारक विविध द्रव्यों के विषय में बताया गया है । डॉ. तारे के निवासस्थान पर चर्चा करते समय इन्होंने कहा कि ‘धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, इन चार पुरुषार्थों में से अब तक के जीवनकाल में मैंने अर्थ, काम यह कर्तव्य पूर्ण किया है । अभी धर्म एवं मोक्ष की ओर यात्रा की इच्छा है । ‘ईश्वर मेरे जीवन में आए’, इसके लिए मुझे प्रयत्न करना है । उसी समय सनातन संस्था के श्री. अभय वर्तक ने डॉ. तारे को बताया कि ‘ईश्वर तक आपकी पुकार पहुंच गई ।’ ऐसा बताते हुए उन्होंने यह आनंदमय घोषणा की । डॉ. तारे की भावजागृति हुई व उन्होंने सनातन के संस्थापक प.पू. डॉ. आठवलेजी के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त की । श्री. वर्तक ने उन्हें श्रीकृष्ण की प्रतिमा एवं भेंटवस्तु दी । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. योगेश व्हनमारे एवं सनातन के हितचिंतक श्री. त्रिपुरारीलाल शर्मा भी उपस्थित थे ।