जापान में होती है हिंदू देवताओं की पूजा !

ganesh_in_japan
क्योटो के गणेश

नई देहली : जापान में हिंदू देवी देवताओं की पूजा की जाती है। जापान में कई हिंदू देवी-देवताओं को जैसे ब्रह्मा, गणेश, गरुड़, वायु, वरुण आदि की पूजा आज भी की जाती है। कुछ समय पहले नई देहली में फोटोग्राफ़र बेनॉय के बहल के फोटोग्राफ़्स की एक प्रदर्शनी हुई, जिससे जापानी देवी-देवताओं की झलक मिली।

बेनॉय के अनुसार, हिंदी के कई शब्द जापानी भाषा में सुनाई देते हैं। ऐसा ही एक शब्द है ‘सेवा’ जिसका मतलब जापानी में भी वही है जो हिंदी में होता है। बेनॉय कहते हैं कि जापानी किसी भी प्रार्थना का अनुवाद नहीं करते। उनको लगता है कि ऐसा करने से इसकी शक्ति और प्रभाव कम हो जाएगा ।

agni_image_in_japan
अग्नि जिसको जापानी भाषा में कातीन कहा जाता है

लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड

भारतीय सभ्यता के रंग जापान में देखने को मिलते हैं। सरस्वती के कई मंदिर भी जापान में देखने को मिलते हैं। संस्कृत में लिखी पांडुलिपियां कई जापानी घरों में मिल जाती है। बेनॉय का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ‘मोस्ट ट्रेवल्ड फोटोग्राफ़र’ के रूप में दर्ज है।

photographer_bahal
नई दिल्ली में फोटोग्राफ़र बेनॉय के बहल

आधार ही संस्कृत

जापान की राजधानी टोक्यो में पांचवी शताब्दी की सिद्धम स्क्रिप्ट को आज भी देखा जा सकता है। इसे गोकोकुजी कहते हैं। बेनॉय का कहना है कि ये लिपि पांचवी शताब्दी से जापान में चल रही है और इसका नाम सिद्धम है। भारत में ऐसी कोई जगह नहीं, जहां ये पाई जाती हो ।

saraswati_mandir_in_japan
ओसाका में सरस्वती मंदिर जिसको बेन्ज़ातें श्राइन कहते हैं

आज भी जापान की भाषा ‘काना’ में कई संस्कृत के शब्द सुनाई देते हैं । इतना ही नहीं काना का आधार ही संस्कृत है। बहल के अनुसार जापान की मुख्य दूध कंपनी का नाम सुजाता है। उस कंपनी के अधिकारी ने बताया कि ये उसी युवती का नाम है जिसने बुद्ध को निर्वाण से पहले खीर खिलाई थी।

स्त्रोत : बीबीसी

Leave a Comment