अश्वमेधयाजी प.पू. नारायण (नाना) गोविंद काळेगुरुजी
का दशहरे के शुभदिवस पर अर्थात ११ अक्तूबर को देहत्याग !
बार्शी (जिला सोलापुर) : अश्वमेधयाजी प.पू. नारायण (नाना) गोविंद काळेगुरुजी (आयु ८४ वर्ष ) ने दशहरे के शुभदिवस पर अर्थात ११ अक्तूबर को देहत्याग किया। तत्पश्चात आश्विन शुक्ल पक्ष एकादशी अर्थात १२ अक्तूबर को सवेरे चार वेदों के मंत्रघोष में उनके पार्थिव को मंत्राग्नि दी गई।
देहत्याग से पूर्व प.पू. नाना
काळेगुरुजीद्वारा ३ बार ओंकार का उच्चारण होना !
११ अक्तूबर को प.पू. काळेगुरुजी की छाती में वेदना होने से उन्हें रुग्णालय में ले जाया गया था। वहां उन्हें हृदयाघात का झटका आया। इससे पूर्व रुग्णालय में वैद्यकीय जांच करते समय प.पू. नानाद्वारा ३ बार ॐ का उच्चारण हुआ । तदुपरांत कुछ ही समय में अर्थात सायं समय ५.३० बजे उन्होंने देहत्याग किया।
१२ अक्तूबर को सवेरे सैकडों भक्त, शिष्यगण एवं मान्यवरों की उपस्थिति में सवेरे ८ बजे अंत्यविधि आरंभ हुआ। प.पू. नाना अग्निहोत्री हैं। इसलिए सर्वप्रथम उनके घर नित्य अग्निहोत्र किया गया। तत्पश्चात गार्हपत्य, दक्षिणाग्नि, आहवनीय इन तीन आग्नियोंद्वारा मृताग्नीहोत्र किया गया एवं इसी आग्नि के साथ प्रेतसंस्कार विधि की गई। इसके पश्चात श्रीराम नाम का जयघोष एवं भजनों के साथ उनकी अंत्ययात्रा आरंभ हुई। यह अंत्ययात्रा प.पू. नाना के खेत में पहुंचने पर वहां अंत्यविधि एवं अंत्येष्टीविधी विधि की गई।
तदुपरांत प.पू. नाना के पार्थिव को उनके ज्येष्ठ पुत्र अश्वमेधयाजी श्री. केतन काळेगुरुजी ने आग्नि दी।
इस अवसर पर प.पू. नाना की धर्मपत्नी पू. (श्रीमती) वैजयंती काळे, उनके पुत्र वेदमूर्ति योगेश काळे, वेदमूर्ति चैतन्य काळे, स्नुषा, नातिपोती एवं सगे संबंधी तथा अकलूज के राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता विजयसिंह मोहिते पाटिल, बाळासाहेब मोहिते पाटिल, भूतपूर्व विधायक राजेंद्र राऊत, शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष डॉ. व्ही.वाय.यादव, सद्गुरु प.पू. गुळवणी महाराज के भक्तगण, ब्राह्मण महासभा, ज्येष्ठ नागरिक संघ एवं सनातन संस्था के साधक उपस्थित थे।