‘गणेशचतुर्थीके दिन भगवान श्रीकृष्ण मुझे सिखा रहे हैं कि श्री गणेशजीकी पूजा भावपूर्णरीतिसे कैंसे करनी चाहिए । इस समय वे पुजारी बने हैं और उनके मार्गदर्शनके अनुसार मैं श्री गणेशकी पूजा कर रही हूं । प्रत्यक्ष श्री गणेश वहां उपस्थित हैं और वे नैवेद्य (भोग) ग्रहण कर रहे हैं ।
बालभावका यह चित्र मैंने सनातनके रामनाथी स्थित गोवाके आश्रमके ध्यानमंदिरमें बैठकर बनाया ।’
– श्रीमती उमा रविचंद्रन्, चेन्नई (९.९.२०१२, दिन ८)