ईश्वर ने सनातन पर अपनी कृपा का वर्षाव किया है । प.पू. भक्तराज महाराज के कृपाशीर्वाद से प्रारंभ हुए सनातन के कार्य का दिन-प्रतिदिन विस्तार हो रहा है । २५ वर्षों के इस मार्गक्रमण में अनेक संतों ने सनातन पर कृपाछत्र रखा है । साधकों को साधना में अमूल्य मार्गदर्शन करनेवाले और आपातकाल में उनकी रक्षा करनेवाले महर्षि, सनातन के प्रेरणास्थान प.पू. रामानंद महाराज, सनातन के साधकों के लिए अनेक घंटों तक अनुष्ठान करनेवाले योगतज्ञ दादाजी वैशंपायन, अखिल मानवजाति के कल्याण के लिए यज्ञ-याग करनेवाले प.पू. नारायण (नाना) काळेगुरुजी सहित अनेक ज्ञात-अज्ञात संतों ने सनातन पर कृपा की है ।
उनकी इस कृपा के लिए सनातन परिवार अनंत कोटि कृतज्ञ है । जिज्ञासु, हितचिंतक, अर्पणदाता और धर्माभिमानी के मूल्यवान सहयोग के कारण ही हम यह २५ वर्षों का मार्गक्रमण कर सके । अनेक शहरों के साथ ही गांव-गांव के हिन्दुत्वनिष्ठ सनातन के समर्थन में संगठित हो रहे हैं । इन सबके कारण ही हम यह आनंद का क्षण अनुभव कर रहे हैं । सनातन परिवार सभी के प्रति नतमस्तक है ।
सनातन धर्म राज्य की (हिन्दू राष्ट्र की) स्थापना के लिए आप सबका योगदान आगे भी मिलता रहे, यह प्रार्थना है !