दिनांक 9 से 11 दिसंबर तक फरीदाबाद के सेक्टर 12 के एच.एस.वी.पी. कन्वेंशन हॉल मे हरियाणा सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया, उसमें सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका लाभ 100 से अधिक लोगों ने लिया । ग्रंथ प्रदर्शनी में संस्था की ओर से राष्ट्र और धर्म, देवी-देवता और बाल संस्कार के विषय पर ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई, दिनांक 10 दिसम्बर को हुए सेमिनार में भी श्री. गुलशन किंगर जी ने बताया कि गीता के 18वें अध्याय में दैवी-आसुरी संपदा के विषय मे लिखा है, दैवी संपदा यानी हमारे गुण और आसुरी संपदा यानी हमारे अहं व दोष । इस आसुरी सम्पदा को हम स्वभावदोष निर्मूलन और अहं प्रक्रिया करके गुरूकृपायोग अनुसार साधना से दूर कर सकते हैं । इस सेमिनार का लाभ 250 से अधिक लोगों ने लिया ।
महोत्सव में सहभाग लेने के लिए सरकार की और बल्लभगढ के माननीय विधायक श्री. मूलचंद शर्मा जी के हस्तों से सनातन संस्था को मानचिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया । इस कार्यक्रम में अन्य सामाजिक धार्मिक संगठनों का भी सहभाग रहा ।
क्षणचित्र : जो अन्य स्टॉल से आते थे ग्रंथ प्रदर्शनि पर तो वो अन्यों को भी बताते थे कि आप सनातन संस्था के ग्रंथ प्रदर्शनि पर अवश्य भेंट दे