सनातन संस्था द्वारा देशभर में 75 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

‘साधना’ रामराज्य में प्रवेश पाने का ‘लाइसेंस’ है !

समय के अनुसार रामराज्य अवश्य आएगा । जैसे ‘सूर्योदय’ होने से कोई रोक नहीं सकता, वैसे ही ‘रामराज्यरूपी हिंदू राष्ट्र की स्थापना’ को कोई भी नहीं रोक सकता । ‘रामराज्यरूपी हिंदू राष्ट्र की स्थापना होगी’, यह पत्थर की लकीर है । हमें रामराज्य के साक्षी नहीं, बल्कि सहयोगी बनना है । हमें भी रामराज्य में रहने के लिए साधना करके धर्माचरणी बनना चाहिए । आज की भाषा में कहें तो ‘साधना’ रामराज्य में प्रवेश पाने का ‘लाइसेंस’ है । सर्वोच्च और स्थायी आनंद केवल साधना से ही प्राप्त होता है । हमें भगवान की प्राप्ति की इच्छा हो या न हो, एक अच्छा और संतुष्ट जीवन जीने के लिए भी साधना करना महत्वपूर्ण है । इसलिए गुरुपूर्णिमा के अवसर पर साधना करने और उसे बढ़ाने का संकल्प करें ।” यह प्रतिपादन ‍गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सनातन संस्था के वक्ता ने ‘आनंदप्राप्ति और रामराज्य की स्थापना के लिए साधना’ विषय पर मार्गदर्शन करते हुए  किया । देशभर में कुल 75 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए ।

महोत्सव की शुरुआत श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराज की प्रतिमा पूजा से हुई । विभिन्न स्थानों पर हुए गुरुपूर्णिमा महोत्सव में विभिन्न मान्यवरों के साथ बडी संख्या में जिज्ञासु उपस्थित थे । इन महोत्सवों में धर्म, अध्यात्म, साधना, बालसंस्कार, आचारधर्म, आयुर्वेद, प्राथमिक उपचार, स्वसंरक्षण, हिंदू राष्ट्र आदि विभिन्न विषयों पर ग्रंथप्रदर्शन, साथ ही राष्ट्र-धर्म विषयक फलकप्रदर्शन भी लगाए गए ।

6 भाषाओं में ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव : देश-विदेश के भक्तों को गुरुपूर्णिमा का लाभ मिल सके इसके लिए सनातन संस्था द्वारा मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, तमिल, मलयालम इन 6 भाषाओं में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव भी संपन्न हुए । इस माध्यम से देश-विदेश के भक्तों ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का लाभ लिया।

– श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था.

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सनातन संस्था द्वारा देशभर में 75 स्थानों पर आयोजित होगा ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’!

गुरु-तत्त्व का एक हजार गुना लाभ लेने के लिए गुरुपूर्णिमा में सहभागी हों ! – सनातन संस्था का आवाहन

हिंदू धर्म की अनमोल और अद्वितीय परंपरा है ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ ! गुरुपूर्णिमा के दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है । इस वर्ष, 21 जुलाई 2024 को, सनातन संस्था द्वारा देशभर में 75 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । यह महोत्सव मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, तमिल, मल्यालम आदि भाषाओं में आयोजित किया गया है । सभी राष्ट्र और धर्म प्रेमी हिंदुओं से विनती है कि वे इस अनमोल पर्व का सहपरिवार लाभ लें ।

प्राचीन काल से राष्ट्र और धर्म संकट में होने पर धर्मसंस्थापना का कार्य इसी ‘गुरु-शिष्य’ परंपरा ने किया है । वर्तमान में भी समाज, राष्ट्र और धर्म की स्थिति दयनीय हो गई है । ऐसे समय में जनता पर अत्याचार करनेवाली दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध लडना और रामराज्य जैसे हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना ही सर्वोत्तम श्रीगुरु सेवा है । इस महोत्सव में श्री व्यासपूजन और प.पू. भक्तराज महाराज की प्रतिमा पूजन (गुरुपूजन), समाज, राष्ट्र और धर्म के बारे में मान्यवरों के विचार, तथा ‘आनंद प्राप्ति और रामराज्य की स्थापना के लिए साधना’ इस विषय पर विशेष मार्गदर्शन होगा । धर्म, अध्यात्म, साधना, बाल संस्कार, आचार धर्म, आयुर्वेद, प्राथमिक चिकित्सा, आत्मरक्षा, हिंदू राष्ट्र आदि विभिन्न विषयों पर ग्रंथ प्रदर्शनी और राष्ट्र-धर्म विषयक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी ।

ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव : सनातन संस्था ने मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, तमिल, मल्यालम भाषाओं में ‘ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का आयोजन किया है ताकि देश-विदेश के श्रद्धालु गुरुपूर्णिमा का आनंद ले सकें । 21 जुलाई को संध्या ७:३० बजे हिंदी भाषा में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव यहां देखें – www.Sanatan.org/hindi/gurupurnima

– श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था.

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