पेट में वेदना (Abdominal pain) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

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सभी से विनती ! किसी बीमारी पर स्वउपचार आरंभ करने से पूर्व ‘होमियोपैथी स्वउपचार संबंधी मार्गदर्शक सूत्र और प्रत्यक्ष औषधि कैसे चुनें ?’, इस विषय की जानकारी पाठक पहले पढकर समझ लें और उस अनुसार औषधि का चयन करें ।

संकलक : होमियोपैथी डॉ. प्रवीण मेहता, डॉ. (श्रीमती) संगीता अ. भरमगुडे एवं डॉ. अजीत भरमगुडे

पेट में सौम्य से तीव्र वेदना विविध कारणों से हो सकती है । प्रत्येक कारण के अनुसार उसका विशिष्ट उपचार लेना आवश्यक होता है; परंतु पेटदर्द का निश्चित निदान होने तक हम आगे दिए अनुसार औषधोपचार आरंभ कर सकते हैं । पेट में वेदना, इस लक्षण के अतिरिक्त अन्य कोई भी विशेष लक्षण हो, तो वह औषधि लें । इन औषधियों के नाम आगे दिए हैं ।

 

१. मैग्‍नेशियम फॉस्‍फोरिकम् (Magnesium Phosphoricum)

पेट में जब वेदना हो रही हो तब तुरंत वेदनामुक्ति के लिए वेदना आरंभ होते ही इस औषधि की ४ गोलियां आधे कप गुनगुने पानी में घोलकर, उसमें से १-१ चम्मच पानी प्रत्‍येक १५ मिनटों के पश्चात वेदना रुकने तक लें ।

होमियोपैथी वैद्य (डॉ.) प्रवीण मेहता

२. कोलोसिंथिस (Colocynthis)

२ अ. क्रोध एवं अपचन के कारण पेट में वेदना होना

२ आ.वेदना के कारण रोगी अस्वस्थ होना

२ इ. वेदना के कारण रोगी का तडपना

२ ई.अन्न अथवा पेय ग्रहण करने के उपरांत वेदना बढ जाना

२ उ.पेट को हाथों से दबाकर रखने के साथ ही आगे झुकने पर रोगी को अच्छा लगना

 

३. डायोस्कोरिया विलोसा (Dioscorea Villosa)

३ अ.पेट में काटने समान, मरोडने समान असहनीय वेदना होना और उसका शरीर के हाथ, पैर इत्यादि विविध भागों की ओर जाना

३ आ.आगे झुकने से और पडे रहने से वेदना में बढोतरी होना

३ इ.पीछे झुकने से, सीधे खडे रहने से अच्छा लगना

डॉ. अजित भरमगुडे

४. चायना ऑफिसिनेलिस (China Officinalis)

४ अ.प्रतिदिन निर्धारित समय पर पेट में वेदना होना आरंभ होना

४ आ.पेट में काफी मात्रा में वायु (gases) के कारण पेट फूलना

४ इ.ऊंची आवाज में डकार आना; परंतु उससे वेदना न्यून (कम) न होना

 

५. कल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica)

५ अ.पेट में दबी रह गई वायु के कारण (gases ) वेदना आरंभ होना

५ आ.पेट में शीतलता प्रतीत होना, पेट फूलना और पेट उलटी रखी प्लेट समान दिखाई देना

५ इ. पेट के आसपास वस्त्र का दबाव सहन न होना

६. एनाकार्डियम ओरिएंटेल (Anacardium Orientale)

खाली पेट होने पर पेटदर्द होना, भोजन के पश्चात उस समय के लिए वेदना न्यून होना

 

७. एबीस नायग्रा (Abies Nigra)

खाने के पश्चात पेट में वेदना

 

८. सायक्लमेन (Cyclamen)

८ अ.रात्रि के समय पेट में वायु होकर (gases होकर) वेदना आरंभ होना

८ आ.उठकर खडे होने अथवा चलने पर अच्छा लगना

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