सूक्ष्म दर्शनेंद्रियों द्वारा करने योग्य प्रयोग
* अधिकांश नियतकालिकों में शब्दपहेलियां होती हैं । वे बौद्धिक स्तर की होती हैं । यहां एक मानसिक स्तर की पहेली दी है । सनातन प्रभात आध्यात्मिक नियतकालिक होने से इस लेखमाला में आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां दी हैं । अत: इससे मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक स्तर की पहेलियों में भिन्नता ध्यान में आएगी ।
मुख से मध्यम स्वर में उच्चारण करना
संख्याआें का मध्यम स्वर में उच्चारण करना : १ से ९ की संख्याएं
प्रयोग : १ से ९ की प्रत्येक संख्या का ५ – ६ बार उच्चारण करें । ऐसा २ – ३ मिनट उच्चारण करें और क्या प्रतीत होता है, इसका अध्ययन करें ।
प्रयोग का उत्तर : आगे-आगे की संख्याआें सेे प्रथम आनंद अल्प होता जाता है और पश्चात अधिकाधिक कष्ट होते हैं ।
विश्लेषण : ० निर्गुण से संबंधित है । इसलिए आनंद की अनुभूति होती है ।
१ से ९ तक की संख्याएं अधिकाधिक सगुण की ओर जाती हैं; इसलिए उनका उच्चारण करते समय ५ की संख्या तक आनंद अल्प होता जाता है और ६ से ९ की संख्याआें में अधिकाधिक कष्ट होते हैं ।
अनुभूति : सगुण और निर्गुण तत्त्वों से संबंधित प्रत्येक संख्या का दो मिनट जप करने पर मुझे प्रतीत हुए सूत्र आगे दिए हैं ।
अ. १, २, ५, ७, ८ और ९ इन संख्याआें का जप अनुक्रम से किया । आगे-आगे का जप करते समय प्रतीत हुआ कि जप की जडता (भारीपन) बढ गई है और जप करते समय मन की एकाग्रता घट गई है ।
आ. ७, ८ और ९ इन संख्याआें का जप अनुक्रम से करते समय अनिष्ट शक्तियों का जप को होने वाला विरोध स्थूल से प्रतीत हुआ । ७ का जप करते समय शरीर को सुइयां चुभनेसमान प्रतीत हुआ और ८ एवं ९ का जप करते समय मध्य में ही दूसरा जप आरंभ होना, छाती पर दबाव लगना, जप न करें, ऐसा लगना आदि प्रतीत हुआ ।
अनिष्ट शक्तियों के मुझ पर होने वाले आक्रमण अधिकतर शारीरिक स्तर पर, अर्थात स्थूल स्तर पर हैं; इसलिए प्रयोग में सगुण तत्त्व से संबंधित संख्याआें का जप करते समय अधिक कष्ट प्रतीत हुए, ऐसा लगा । – (पू.) श्री. संदीप आळशी, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (२२.११.२०१५)