हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष्य में श्रीसत्‌शक्‍ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी का शुभ संदेश !

गुरुदेव को अपेक्षित रामराज्य अंतर्बाह्य प्रकट हो, इसलिए साधना हेतु प्रयास लगन से करने का शुभ संकल्प करें !

इस वर्ष गुडीपडवा २२ मार्च को है । गुडीपडवा अर्थात सृष्टि के सृजन का दिन ! इस नववर्षारंभ के शुभअवसर पर श्रीरामस्वरूप सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के श्रीचरणों में शरणागत होकर साधना के प्रयास बढाने का शुभ संकल्प करें !

त्रेतायुग में प्रभु श्रीरामचंद्र ने अपना अवतारी कार्य करते समय पितृ आज्ञा से १४ वर्ष वनवास के कठिन समय का काल भोगा । तत्पश्चात जनता का कल्याण करनेवाला आदर्श राम राज्य स्थापित किया । प्रभु श्रीराम ने रघुवंश के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ के मार्गदर्शनानुसार शासन किया । रामराज्य अर्थात श्रीविष्णु के अवतार राजा श्रीराम तथा उन्हें मार्गदर्शन करनेवाले महर्षि वसिष्ठजी के आध्यात्मिक शक्ति का दृश्यस्वरूप परिणाम ! श्रीराम स्वरूप सच्चिदानंद परब्रह्म गुरुदेव भी इस कलियुग में हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य अविरत कर रहे हैं । वर्तमान का आपातकाल समाप्त होते ही उनके संकल्प से रामराज्य की अनुभूति प्रदान करनेवाला हिन्दू राष्ट्र का शुभागमन होगा । गुरुदेवजी के इस अवतारी कार्य के लिए हमें सप्तर्षि जीवनाडी पट्टिका के माध्यम से वशिष्ठ, विश्वामित्र आदि सप्तर्षियों का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है । ईश्वर ने हमें इस अवतार कार्य में न केवल साक्षी बनाया, अपितु अपने साथ हमें भी इस दिव्य कार्य में सम्मिलित कर लिया । इसके लिए हम अंतर्मन में सदैव ही कृतज्ञताभाव रखेंगे ।

ईश्वर की कृपा से इसी जन्म में हमारा उद्धार हो, इसलिए हिन्दू राष्ट्र स्थापना पूर्व के इस अवसर काल में अपने साधना के प्रयासों का वेग बढाएं । गुडीपडवा के उपलक्ष्य में हममें दोष-अहं की मलिनता नष्ट हो, अपना अंतरंग निर्मल बने तथा वहां ईश्वरीय गुणों का विकास हो, इसलिए व्यष्टि साधना के प्रयास लगन एवं निरंतरता से करने का ध्येय निश्चित करें । हिन्दू राष्ट्र भूतल पर शीघ्र अवतरित हो, इसलिए समष्टि साधना के प्रयास समर्पितभाव और लगन से करने का शुभ संकल्प करेंगे । निर्मल एवं भक्तिपूर्ण हृदय से प्रभु श्रीराम के परम दिव्य सुकोमल चरणों की शरण जाएं । गुरुदेव को अपेक्षित ऐसा रामराज्य अंतर्बाह्य शीघ्र अवतरित हो, इसलिए उनके श्रीचरणों में आर्तता से प्रार्थना करें !’

– श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळ, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारी (२१.३.२०२३)

 

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ की प्रभु श्रीराम के श्रीचरणों में आर्त प्रार्थना !

‘हे श्रीराम, हम रामराज्य की व्याकुलता से प्रतीक्षा कर रहे हैं ! रामराज्य का दिव्य वातावरण इस भूतल पर पुन: एक बार अवतरित होने दें । हमें उस परमानंद की अनुभूति लेने आने दें । सभी में नवचैतन्य का संचार होने दें । चराचर सृष्टि पुनश्च आनंद से पुलकित होने दें । आपके दिव्य चरणस्पर्श से इस भूतल का उद्धार करें रघुराजा ! हे रघुनंदन, यह वसुंधरा पुन: एक बार मंगलमय हो, ऐसी आपके श्रीचरणों में प्रार्थना है !’

– श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळ (२१.३.२०२३)

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळ की यह प्रार्थना बहुत अच्छी लगी और इससे सीखने मिला कि ‘प्रार्थना कैसे करनी चाहिए ?’ इसके प्रति सभी साधकों की ओर से मैं कृतज्ञता व्यक्त करता हूं ।’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले (२१.३.२०२३)

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