गर्मियों में त्वचा का ध्यान रखने के विषय में कुछ उपाय एवं लिया जानेवाला आहार !

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गर्मियां अर्थात परीक्षा, विद्यालय की छुट्टियां एवं दोपहर की कडी धूप; परंतु सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से अपनी त्वचा को सदा के लिए हानि हो सकती है । मैं एक प्लास्टिक सर्जन हूं इसलिए मुझे अनेक रोगी देखने मिलते हैं, जो अपनी त्वचा के रोंगों पर के लिए उपचार ढूंढ रहे हैं । ये त्वचाविकार सूर्यप्रकाश के कारण हुए हैं; इसलिए हमेशा सतर्क रहना आवश्यक है । गर्मियों के महीने में अपनी त्वचा की अच्छी देखभाल करने से गर्मियों में होनेवाली हानि टाल सकते हैं । इससे अपनी त्वचा को दीर्घकाल दागमुक्त एवं युवा रखने में सहायता होगी । इस विषय में कुछ सूचनाएं यहां दे रहे हैं ।

 

१. सदैव हायड्रेटेड रहें !

गर्मियों के महीने में हमें भली-भांति ‘हायड्रेटेड’ (जलयोजित अर्थात पानी अवशोषित करने के कारण ढूंढने की) रहने की आवश्यकता है । गर्मियों में अपने पानी की आवश्यकता डेढ गुना अधिक बढ जाती है । इसलिए सामान्यत: हम यदि प्रतिदिन २ लीटर पानी पीते हैं, तो गर्मियों में प्रतिदिन कम से कम ३-४ लीटर पानी पीने की आवश्यकता लगती है ।

 

२. धूप से अपनी रक्षा करें

विशेषत: सवेरे १० से दोपहर ४ तक बाहर निकलते समय टोपी, छतरी, सनग्लासेस का उपयोग आवश्यक है । ३० से अधिक एस्.पी.एफ्. युक्त (एस्.पी.एफ्. अर्थात सूर्य से त्वचा की सुरक्षा करने के लिए लगाई जानेवाली क्रीम) सनस्क्रीन धूप में एवं घर में रहते समय हर २ घंटों में लगाएं ।

डॉ. श्रद्धा देशपांडे

 

३. अपनी त्वचा का प्रकार जान लें एवं त्वचा का ध्यान रखें !

एक अभ्यासानुसार ८८ प्रतिशत लोग अपनी त्वचा के प्रकार के लिए अयोग्य उत्पादन का उपयोग करते हैं । सभी की आवश्यकता एक समान नहीं होती । इसलिए अपनी त्वचा का ध्यान दिनचर्या के अनुकूल करना एवं उसका पालन करना आवश्यक है ।

 

४. क्लीनिंग, एक्सफोलिएटिंग एवं मॉइश्चराइजिंग

गर्मियों के दिनों में लगभग दो बार ‘सैलिसिलिक एसिड’ युक्त सौम्य ‘एक्सफोलिएटिंग वॉश’से (त्वचा की मृतपेशियां बाहर निकालने के लिए चेहरा स्वच्छ करने की क्रिया) अपना चेहरा स्वच्छ करने की सलाह दी जाती है । चेहरा, गर्दन एवं छाती की त्वचा पतली है, इसलिए इस भाग में कठोर अल्कधर्मी साबुन का उपयोग टालें । ‘हायलुरोनिक एसिड’ एवं ग्वारपाठा (घीकुंवर, ऐलोवेरा) जैसे सुखदायक घटक युक्त जेल आधारित मॉइश्चरायजर्स (त्वचा का रुक्षता (सूखापन) टालने के लिए उपयोग किए जानेवाले सौंदर्यवर्धन) श्रेयस्कर हैं । सप्ताह में एक अथवा दो बार मृत पेशिया निकालने के लिए ‘एक्सफोलिएटिंग स्क्रब’ उपयोग करना चाहिए, जिससे चेहरे पर चमक आती है ।

 

५. त्वचा निरोगी रखने के लिए किए जानेवाले उपाय

सौंदर्यप्रसाधन (मेकअप) लगाने से पहले सदैव ‘सन प्रोटेक्शन फैक्टर’ का उपयोग करें ~ गहरे शेड्स के सौंदर्यप्रसाधन लगाना टालें । खनिज आधारित सौंदर्यप्रसाधन श्रेयस्कर हैं । सोने से पहले चेहरे पर लगाया सौंदर्यप्रसाधन स्वच्छ धो डालें और मॉइश्चरायजिंग करें । ऐसा प्रत्येक रात्र करना, सवेरे चमकता चेहरा पाने के लिए अत्यंत आवश्यक है । दिन में दो बार नहाना, गुनगुने पानी का उपयोग करना एवं दादजन्य संसर्ग टालने के लिए त्वचा सूखी एवं निरोगी रखना महत्वपूर्ण है ।

 

६. केश एवं नखों का ध्यान रखना

त्वचा का ध्यान रखते समय हम अनेक बार केश एवं नखों का ध्यान रखना भूल जाते हैं । कडी धूप में केश एवं सिर की त्वचा रुक्ष हो सकती है इसलिए योग्य टोपी एवं छतरी का उपयोग कर केश की रक्षा करनी चाहिए । केश स्वच्छ रखना एवं उसे धोने से पहले सप्ताह में एक बार नारियल का तेल लगाकर अपने सिर की त्वचा को मॉइश्चरायज करना, इसके साथ ही केश की ‘डीप कंडीशनिंग’ यह उनका ध्यान रखने के लिए महत्त्वपूर्ण उपाय है । केशकर्तनालय अथवा घर पर पैरों के नखों पर सौंदर्यवर्धक लगाना, यह सूखे एवं गर्मी से खराब हुए नखों को अच्छा रखने का एक मार्ग है ।

 

७. होंठ एवं आखों का ध्यान रखने के लिए उपाय

वृद्धत्व के चिन्ह पहले पेरीओरबिटल (आखों के नीचे) एवं पेरीओरल (मुंह अथवा होठों के आसपास का भाग) भाग में दिखाई देताहै ~ आंखों के पास की त्वचा अत्यंत पतली होती है, काले वर्तुल दिखना, झुर्रियां आने की संभावना होती है ~ इसलिए गर्मियों के दिनों में ‘सनग्लासेस’ का उपयोग करना, सौम्य क्लिन्सर ने नियमित साफ करना, ‘कोलेजन रीजनरेटर’ का उपयोग करना आदि से पेरीओरबिटल क्षेत्र की रक्षा करने में सहायता हो सकती है । होठों को पर्याप्त रक्षा करने में सहायता हो सकती है । होठों को पर्याप्त हायड्रेशन (पानी शोषण की क्रिया) आवश्यक है । ‘ई’ जीवनसत्त्व आधारित एवं ‘हायलुरोनिक एसिड’ आधारित ‘लिप कंडीशनर’ (होठों को लगानेवाली क्रीम) एवं पौष्टिक ‘लिप बाम’ का उपयोग अच्छा है । देशी घी एवं मलाई का उपयोग भी उपयुक्त है ~

 

८. गर्मियों में संपूर्ण आहार लें !

गर्मियों में हम जो खाते हैं, उस ओर पूरा-पूरा ध्यान दें । हमेशा आम, पपीता, अनानास, मौसंबी, गाजर, तरबूज, चुकंदर एवं सभी प्रकार की हरी शाक-सब्जियां खाएं । सलाद, दही एवं ताजे फलों का सेवन करें । सादा आहार हमारी आंतों की शक्ति सुधारने के लिए एवं हमें चमकदार त्वचा देने के लिए उपयोगी होता है । तले हुए पदार्थ कम खाएं ।

– डॉ. श्रद्धा देशपांडे, सलाहाकार – प्लास्टिक, रिकन्स्ट्रक्टिव एवं एस्थेटिक सर्जन, वोकार्ट हॉस्पिटल, मुंबई सेंट्रल.
(साभार : ‘हिंदुस्थान पोस्ट’का जालस्थल)

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